अभिनत्री आशा पारेख को दादा फाल्के पुरस्कार

 Dada Phalke Award for Actress Asha Parekh
नई दिल्ली, गुजरे जमाने की मशहूर अभिनेत्री आशा पारेख को 2020 के दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पारेख (79) को शु¯ावार को होने वाले 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के दौरान यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। दादा साहेब फाल्के भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में सर्वाेच्च पुरस्कार है।

ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में अपने संसदीय क्षेत्र हमीरपुर में पत्रकारों को बताया कि आशा भोंसले, हेमा मालिनी, पूनम ढिल्लों, उदित नारायण और टी.एस. नागभरण की पाँच सदस्यीय दादा साहेब फाल्के पुरस्कार समिति ने सम्मान के लिए पारेख का नाम चुना है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने बैठक में निर्णय लिया कि इस बार आशा पारेख को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के दौरान यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। पारेख ने लगभग पाँच दशक तक चले अपने अभिनय जीवन की शुरुआत 10 साल की आयु में की थी। उन्होंने 1952 में आई फिल्म आसमान से एक बाल कलाकार के रूप में अपना कैरियर शुरू किया था और वह दो साल बाद बिमल रॉय की बाप बेटी से चर्चा में आई थीं। पारेख ने 1959 में आई नासिर हुसैन की फिल्म दिल देके देखो में मुख्य किरदार निभाया था, जिसमें उन्होंने शम्मी कपूर के साथ अभिनय किया था।

दिल देके देखो, कटी पतंग, तीसरी मंजिल और कारवाँ जैसी फिल्मों के लिए मशहूर पारेख को हिन्दी सिनेमा की सबसे प्रभावशाली अभिनेत्रियों में शुमार किया जाता है। पारेख ने 1990 के दशक के अंत में एक निर्देशक व निर्माता के तौर पर टीवी नाटक कोरा कागज का निर्देशन किया था, जिसे काफी सराहा गया था। पारेख 1998-2001 तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की पहली महिला अध्यक्ष भी रहीं। साल 2017 में उन्होंने अपनी आत्मकथा द हिट गर्ल पेश की, जिसका सह-लेखन फिल्म समीक्षक खालिद मोहम्मद ने किया था। उन्हें 1992 में देश के चौथे सर्वाेच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था। पिछले साल 2019 के लिए रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।  (भाषा)
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