मन में रखें सरलता का भाव: डॉ. प्रतिभाजी

हैदराबाद - `हर धर्म की एक वाणी होती है, लेकिन इसे ग्रहण करने का तरीका सभी का अलग-अलग है। यह हमारे विवेक पर निर्भर करता है कि हम अच्छा या बुरा क्या सीखना चाहते हैं।'

उक्त उद्गार सिकंदराबाद स्थित श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, मारुति विधि में जारी प्रवचन सभा में डॉ.प्रतिभाजी म.सा.ने व्यक्त किए। संघपति संपतराज कोठारी द्वारा आज यहाँ जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, म.सा. ने कहा कि शरीर साधना का एक माध्यम है। इसलिए इसका ध्यान रखना, स्वस्थ रहना जरूरी है। अस्वस्थता के कारण धर्म-कर्म नहीं हो पाता है। धर्म तो रोम-रोम में होना चाहिए। कम से कम एक सामयिक तो अवश्य करें। छोटी-छोटी बातों पर धर्म का बंटवारा हो जाता है। धर्म को कोई खरीद नहीं सकता है, लेकिन विभिन्न अफवाहें फैला कर और मतभेद होने से यह सांप्रदायिकता का रूप लेती है। इससे बचने के लिए मन में सरलता का भाव होना चाहिए। सरल स्वभाव के कारण मनुष्य संसार से तर जाता है। जो सच्चे मन से धर्म को निभाता है, उसकी रक्षा धर्म करता है। व्यक्ति का मन हमेशा विचलित रहता है। मन में तरह-तरह के सवाल और कल्पनाएं होती रहती हैं। ज्ञानी झुकने, अनेकता में एकता, मदद करने का संदेश देते हैं, लेकिन आज धर्म का बंटवारा हो गया है। इसे रोकने के लिए अनेकता में एकता का भाव रखना जरूरी है। 

सर्वज्ञाजी म.सा. ने कहा कि क्रोध, लोभ, ईर्ष्या के कारण मनुष्य कभी संतोष नहीं पा सकता है, क्योंकि लोभ और आनंद कभी एक साथ नहीं रह सकते हैं। लोभी लोभ के कारण ही मर जाता है। व्यक्ति यह भूल जाता है कि खाली हाथ आए हैं और खाली हाथ चले जाएंगे। फिर भी वह जीवनभर धन संचय करने में लगा रहता है। इस बीच वह जीवन जीना भूल जाता है और अनंत पापों को करने में लग जाता है। प्यार के मार्ग में सुख और शांति है। दुःख में भी सुख छिपा रहता है। हर बुरी स्थिति से लड़ना और इस दौरान स्वयं को मजबूत बनाना ही धर्म में आस्था रखने का पर्याय है। संतोष सबसे बड़ा धन है, जिससे जीवन आसान बन सकता है। 

आज संघ की अध्यक्षता अध्यक्ष अशोक शेरमल बोहरा ने की। मंच का संचालन शांतिलाल बोहरा ने किया। गत शुक्रवार के नवकार जाप का लाभ धर्मीचंद अभिषेक लालवाणी ने लिया। सुरेश कोठारी, राजेंद्र बोहरा, सरिता बाई बोहरा, विमला बाई चाणोदिया एवं लालवाणी परिवार ने लाभार्थी परिवार को कलश भेंट किया। गत शनिवार को नवकार जाप लाभार्थी गौतमचंद बोहरा के सिकंदराबाद स्थित निवास पर किया गया। अशोक शेरमल बोहरा, सुरेंद्र कटारिया और राजेश बलाई ने लाभार्थी परिवार को कलश भेंट किया। वहीं, प्रभावना शांतिलाल विमला देवी चोपड़ा गुंटूर द्वारा दी गई। अनंत चौदस पारणा के लाभार्थी परिवार सज्जनलाल शांतिलाल गौतमचंद शेरमल मनोज कुमार निखिल कुमार अभिषेक आरव डुंगरवाल का सम्मान संघ की ओर से किया गया।
 
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