तेलंगाना-आंध्र की बैठक बेनतीजा खत्म

 Telangana-Andhra meeting ends in vain
हैदराबाद,  आंध्र-प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम से संबंधित लंबित मुद्दों के समाधान के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बुलाई गई तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बीच बहुप्रतीक्षित बैठक बिना किसी बड़ी सफलता के संपन्न हुई। अधिकांश मुद्दे अनसुलझे रहे। इन मुद्दों में आदिवासी विश्वविद्यालय और रेल कोच फैक्ट्री भी थे। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 के अनसुलझे मामलों पर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिवों सोमेश कुमार और समीर शर्मा सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।

बैठक के एजेंडे को द्विपक्षीय और अन्य मुद्दों पर चर्चा के बीच विभाजित किया गया था। अनुसूची 9 के तहत कंपनियों और निगमों का विभाजन, अनुसूची 10 के तहत राज्य संस्थानों का विभाजन, अधिनियम में कहीं भी उल्लेख नहीं किए गए संस्थानों का विभाजन, आंध्र प्रदेश राज्य वित्त निगम का विभाजन, सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) और आंध्र प्रदेश हेवी मशीनरी इंजीनिय्रिंग लिमिटेड (एपीएचएमईएल) सहित अन्य के विभाजन सहित लगभग 11 मुद्दे एजेंडे में थे।

अनुसूची 9 के तहत सूचीबद्ध 91 संस्थानों में से 53 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) पर कोई मतभेद नहीं था। तेलंगाना उच्च न्यायालय में लंबित कुछ मामलों पर विचार करते हुए केंद्रीय गृह सचिव ने कानून विभाग के परामर्श से सभी अदालती मामलों की जांच करने के लिए इस मुद्दे को गृह मंत्रालय (एमएचए) को भेज दिया। उन्होंने आंध्र प्रदेश राज्य वित्त निगम के विभाजन का मामला भी गृह मंत्रालय को भेजा। आंध्र प्रदेश ने सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के विभाजन की मांग की, लेकिन तेलंगाना ने इसका कड़ा विरोध किया। तेलंगाना का कहना था कि एकमात्र तेलंगाना...
विभाजन जो आवश्यकता है वह आंध्र-प्रदेश हेवी मशीनरी एंड इंजीनिय्रिंग लिमिटेड में तत्कालीन आंध्र प्रदेश राज्य की इक्विटी का है। तेलंगाना राज्य नागरिक आपूार्ति निगम लिमिटेड (टीएससीएससीएल) से आंध्र प्रदेश राज्य नागरिक आपूार्ति निगम लिमिटेड (एपीएससीएससीएल) को देय नकद ऋण राशि के विभाजन और केंद्रीय सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा एपीएससीएससीएल को 2014-15 के लिए चावल सब्सिडी जारी करने पर केंद्र ने सहमति व्यत्त की।

दोनों राज्यों ने इस मुद्दे को निपटाने के लिए भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की मदद से नकद और बैंक शेष (केंद्र परयोजित योजनाओं के तहत धन या सामान्य संस्थानों पर व्यय या बाहरी सहायता परप्त परियोजनाओं से संबंधित सार्वजनिक ऋण) को विभाजित करने पर सहमति व्यत्त की। इसके अलावा गृह सचिव ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय से तेलंगाना में पिछड़े जिलों के विकास के लिए लंबित धनराशि जारी करने को कहा।
तेलंगाना सरकार ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में संशोधन पर कड़ी आपत्ति जताई। आंध्र प्रदेश सरकार ने कराधान मामलों में विसंगति सहित कुछ लंबित मुद्दों के समाधान के लिए संशोधन की मांग रखी थी। बैठक में राजस्व, व्यय, वित्त, शिक्षा, कृषि और कई अन्य विभागों से जुड़े तेलंगाना और आंध्र-प्रदेश दोनों के अधिकारियों ने भाग लिया।
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